बहेड़ी – रामलीला मंचन में धनुष यज्ञ और लक्ष्मण-परशुराम संवाद देख दर्शक हुए मंत्रमुग्ध,

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊
|
पत्रकार -आर,के,सक्सेना की रिपोर्ट
रामलीला मंचन में धनुष यज्ञ और लक्ष्मण-परशुराम संवाद देख दर्शक हुए मंत्रमुग्ध,
बहेड़ी। इन दिनों नगर के रामलीला परिसर में रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रही रामलीला मंचन के चौथे दिन अयोध्या के कलाकारों द्वारा सीता स्वयंवर का मंचन किया गया। मिथिला के राजा जनक की ओर से आयोजित सीता स्वयंवर में लंकापति रावण समेत दूसरे राज्यों के राजा धनुष नहीं उठा सके तो सभा में सन्नाटा छा गया। इस दौरान राजा जनक ने कहा कि लगता है कि यह पृथ्वी वीरों से हीन हो गई है, राजा जनक की यह बात सुनकर राम अनुज लक्ष्मण क्रोध से आगबबूला होकर सभा में बोले जहां रघुवंश का एक भी व्यक्ति मौजूद हो वहां इस तरह की बातें नहीं की जातीं। यदि गुरु की आज्ञा पाऊं तो पूरे ब्राह्मांड को उठाकर कच्चे घड़े की तरह फोड़ डालूं तब श्रीराम ने लक्ष्मण को शांत करते हैं। इसके बाद गुरु महर्षि विश्वामित्र ने श्रीराम को राजा जनक का संताप दूर करने के लिए धनुष उठाने के लिए भेजा। भगवान राम के हाथ धनुष टूटा तो पंडाल में बैठे दर्शकों ने जय श्रीराम के जोरदार जयकारे लगाए।
उधर,सीता स्वयंवर में भगवान राम द्वारा शिव धनुष भंग का समाचार मुनि परशुराम को मिला तो उन्हें क्रोधित कर देता है। मुनि परशुराम क्रोधित होकर स्वयंवर में प्रवेश करते हैं तो
श्रीराम आगे आकर कहते हैं कि इस धनुष को आपके ही किसी दास ने तोड़ा होगा। वह स्वयं को मुनि का सेवक बताते हैं तो परशुराम नाराज होते हुए कहते हैं कि सेवक वह होता है जो सेवा करता है। इसने यह धनुष तोड़ा है वह तो मेरा परम शत्रु है। यहीं पर लीला का समापन हो गया। इस दौरान मेला कमेटी के विवेक गर्ग, मास्टर केहरी सिंह, मेला बाबू ऋषि पाल सक्सेना, अतुल गर्ग, अरूण अग्रवाल, मास्टर अमन श्रीवास्तवा, प्रकाश गंगवार, पंडित विवेक शास्त्री सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे। मेला कमेटी के कोषाध्यक्ष विवेक गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को नगर में भव्य राम बारात निकाली जाएगी।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
